दुश्मन सिर्फ़ बंदूकों और बमों से जंग नहीं लड़ता, बल्कि आज वो हमारी सोच, हमारे विचारों और हमारी आइडियालो को निशाना बना रहा है। यह एक सॉफ़्ट वॉर है, यानी सोच और आइडियाज़ की जंग!
इस लड़ाई में हमारा सबसे बड़ा हथियार है, सच और सही जानकारी! अगर मीडिया और टेक्नोलॉजीज का सही इस्तेमाल किया जाए, तो न सिर्फ़ झूठे नैरेटिव को नाबूद किया जा सकता है, बल्कि उम्मीद और आत्मविश्वास का माहौल भी तैयार किया जा सकता है।
सॉफ़्ट वॉर का मुक़ाबला कैसे करें?
हाल ही में सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई ने इस सॉफ़्ट वॉर का मुक़ाबला करने के कुछ बुनियादी उसूल बयान किए। ये सिर्फ़ सुझाव नहीं हैं, बल्कि हमारी सोच, कल्चर और आइडियालोजी की हिफाज़त की मज़बूत स्ट्रेटेजी भी हैं।
1. सच्चाई को लोगों तक पहुंचाना हमारी ज़िम्मेदारी
दुश्मन सबसे बड़ा वार किस पर करता है? सच्चाई पर! वो झूठी कहानियाँ गढ़ता है, हकीकत को तोड़-मरोड़कर पेश करता है और ग़लतफ़हमियों को हवा देता है।
तो हमारा जवाब क्या होना चाहिए?
सच को ज़ोरदार और वाज़ेह अंदाज़ में सामने लाना!
ग़लतफ़हमियों को दूर करना!
ऐसा नैरेटिव बनाना जो दुश्मन के झूठ को बेअसर कर दे!
मीडिया, स्काॅलर्स और इंक़िलाबी नौजवानों की यह सबसे अहम ज़िम्मेदारी है कि वे सच्चाई की आवाज़ को बुलंद करें और लोगों तक सही तस्वीर पहुँचाएँ।
2. हमें सिर्फ़ रिएक्ट करने वाला नहीं, नैरेटिव बनाने वाला बनना होगा!
दुश्मन की सबसे बड़ी चाल क्या है? लोगों की सोच पर क़ब्ज़ा करना!
अगर हम सिर्फ़ उसकी झूठी बातों का जवाब देने में लगे रहेंगे, तो हमेशा पीछे रहेंगे। हमें ख़ुद सोचने, समझने और समाज को दिशा देने वाला बनना होगा!
हम ख़ुद अपनी कहानी लिखेंगे!
हम ख़ुद अपना नैरेटिव तय करेंगे!
हम ख़ुद तय करेंगे कि हमारा समाज किस दिशा में बढ़ेगा!
अगर हम ऐसा नहीं करेंगे, तो दुश्मन हमारे बारे में झूठी कहानियाँ लिखेगा और हमें वही सच मानने पर मजबूर कर देगा।
3. दुश्मन की चाल: शक, फूट और नाउमीदी फैलाना!
दुश्मन सिर्फ़ झूठ नहीं फैलाता, वो हमें आपस में लड़वाने की भी कोशिश करता है!
वो अलग-अलग गिरोहों के बीच दरार डालता है।
वो लोगों को अपनी ही पहचान से दूर करने की कोशिश करता है।
इसका मुक़ाबला कैसे करें?
आपसी इत्तहाद को मज़बूत करें!
पाजेटिव सोच को बढ़ावा दें!
ऐसे मुद्दों से बचें जो समाज को तोड़ने का काम करें!
4. दुश्मन का एक और हथियार ना उम्मीदी फैलाना!
दुश्मन हमेशा यही दिखाना चाहता है कि "आप कमज़ोर हैं, आप नाकाम हैं, आपके पास कोई उम्मीद नहीं बची!"
लेकिन सच्चाई क्या है?
हम मज़बूत हैं!
हम तरक़्क़ी कर रहे हैं!
हमारे पास अंधेरे से लड़ने के लिए रोशनी का दिया है!
मीडिया और समाज के ज़िम्मेदार लोगों को चाहिए कि वे सिर्फ़ प्रॉब्लम्स न दिखाएँ, बल्कि उनका हल भी सामने रखें।
उम्मीद और भरोसे का माहौल बनाना ही सॉफ़्ट वॉर का सबसे बड़ा जवाब है!
5. सिर्फ़ जवाब देने से नहीं, पहल करने से जीत मिलेगी!
हमको सिर्फ़ दुश्मन के झूठ को नकारने में नहीं लगे रहना चाहिए। हमें अपने नैरेटिव को इतनी मज़बूती से आगे बढ़ाना होगा कि दुश्मन की झूठी बातें ख़ुद-ब-ख़ुद नाकाम हो जाएँ!
ख़बरों में सिर्फ़ डिफेंसिव नहीं, बल्कि ऑफेंसिव स्ट्रैटेजी अपनाएँ।
नई कहानियाँ, नए विचार, नई स्ट्रेटेजी सामने लाएँ।
सच्चाई को इतने प्रभावी ढंग से कहें कि दुश्मन के पास जवाब ही न बचे!
6. सॉफ़्ट वॉर का सबसे प्रभावी हथियार!
क्या दुश्मन सिर्फ़ ख़बरों से झूठ फैलाता है? नहीं!
वो सिनेमा, फिल्म, सीरियल और सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल करता है।
तो इसका जवाब भी उसी की ज़ुबान में देना होगा!
ऐसी फ़िल्में और डॉक्यूमेंट्री बनानी होंगी, जो सच्चाई को उजागर करें।
ऐसी क्लिप्स और स्टोरीज तैयार करनी होगी, जो लोगों को जोड़ने का काम करे।
सोशल मीडिया और डिजिटल कंटेंट के ज़रिए सही जानकारी को बड़े पैमाने पर फैलाना होगा।
अगर इस का सही इस्तेमाल किया जाए, तो यह लोगों के दिलों तक पहुँच सकती है और सॉफ़्ट वॉर में सबसे प्रभावी हथियार बन सकती है।
7. मज़बूत सोच ही कामयाबी की गारंटी है!
अगर हमारी आइडियालोजी मज़बूत होगी, तो कोई भी दुश्मन हमें झूठे प्रचार से नहीं बहका सकता।
हमें अपनी कौमी पहचान को बचाना होगा।
हमें अपनी वैल्यूज़ और कल्चर को मज़बूत करना होगा।
हमें अपनी कहानी ख़ुद लिखनी होगी ताकि कोई और उसे अपने हिसाब से तोड़-मरोड़ न सके।
अगर हम सच के साथ मज़बूती से खड़े रहेंगे, तो सॉफ़्ट वॉर में हमारी जीत तय है!
सच को सामने लाएं।
यूनिटी और भरोसा बनाए रखें!
ना उम्मीदी के अंधेरे को उम्मीद की रोशनी से मिटाएँ!
सिर्फ़ जवाब देने के बजाय, ख़ुद अपनी कहानी लिखें!
टेक्नोलॉजी और मीडिया के ज़रिए समाज को सही रुख दें!
यही सॉफ़्ट वॉर का सबसे मज़बूत जवाब है!
और यही हमारी सबसे बड़ी जीत होगी!
